Fri. Dec 8th, 2023

देवघर की एक विशेष अदालत ने भारतीय दंड संहिता (IPC) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की कई धाराओं के तहत दोषी
ठहराए जाने के बाद दो साइबर अपराधियों को आजीवन उम्रकैद की सजा सुनाई है।

इन साइबर ठगों पर 20-20 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। संदीप भाटिया (Sandeep Bhatia) की
विशेष अदालत ने आईपीसी की धारा-419, 420, 467, 468, 471, 120 (बी) के अलावा आईटी एक्ट धारा 66 ( बी), (सी), (डी) और 8 (सी) के तहत सात आरोपियों को दोषी ठहराया।


अदालत ने कृष्णा यादव (20) और विराट कुमार (21) को की सजा सुनाई साथ ही 20-20 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया
और तीन अन्य दोषियों राजू मंडल (26), मुकेश मंडल (25) और दिनेश कुमार (22) को 10-10 साल की कैद और 5-5
लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। दो अन्य दोषियों चेतलाल मंडल
(33) और अजीत मंडल (19) को सात-सात साल कैद और एक-एक
लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

मामले में कुल आठ लोगों को आरोपी बनाया गया था। इन आरोपियों
में से सात को दोषी ठहराया गया जबकि एक आरोपी को अदालत ने
बरी कर दिया। सात दोषियों को आईपीसी की धारा 467 (जाली
दस्तावेज) समेत विभिन्न धाराओं के तहत दोषी ठहराया गया। यह
धारा दोषियों को आजीवन कारावास के साथ ही उन पर जुर्माने
| प्रावधान करती है। अतिरिक्त लोक अभियोजक शिव लाल मंडल
मंगलवार को बताया कि अभियोजन पक्ष अदालत में यह साबित
करने में सपफल रहा कि आरोपियों ने अपराध करने के लिए जाली
इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों का सहारा लिया।

शिव लाल मंडल ने कहा कि सभी आरोपियों को 467 के तहत दोषी
ठहराया गया था, लेकिन साजिश में अलग अलग भूमिका के कारण
सजा भी अलग-अलग सुनाई गई। इलेक्ट्रॉनिक और अन्य सबूतों से
साबित हुआ कि विभिन्न खातों से कृष्णा यादव के पास 2.5 लाख
रुपये पहुंचे जबकि 1.5 लाख रुपये विराट कुमार के खाते में आए।
अन्य दोषियों के पास पहुंची रकम की मात्रा बहुत कम थी। देवघर
पुलिस ने 15 मई, 2020 को साइबर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज
किया था। पुलिस को आरोपियों के खिलाफ साइबर अपराध े
अलग मामले की जांच के दौरान सबूत मिले थे।