देश भर मे लोगों को बंदे भारत जैसे ट्रेन का तोहफा दिया जा रहा है। वही कई क्षेत्रों में समर स्पेशल ट्रेन चलाने की घोषणा भी की गई गई है। इसके तहत गर्मी छुट्टी में आने-जाने वाले लोगों की सुविधा के खातिर रेलवे ने 217 स्पेशल ट्रेन चलाने का निर्णय लिया है। लेकिन पलामू(palamu) के गरीबों को पैसेंजर ट्रेन की बुनियादी सुविधा से भी वंचित !
कोरोना काल से ही इस क्षेत्र की सीसीबी और त्रिवेणी दो ट्रेनें बंद हैं। बीडीएम मेमू भी तीन महीने से बंद है। कोरोना के बाद से पलामू एक्सप्रेस का ठहराव भी कई स्टेशन पर बन्द है। सबसे बड़ी और तकलीफदेह बात तो यह है कि पलामू में पैसेंजर ट्रेनों को अब भी स्पेशल दर्जे के साथ चलाया जा रहा है। क्षेत्र की गरीब जनता से पैसेंजर ट्रेन के लिए एक्सप्रेस का भाड़ा वसूला जा रहा है।
पलामू प्रमंडल के साथ डेहरी, चंदवा, बरकाकाना, रेणुकूट व चोपन मार्ग के लोग तीन गुना अतिरिक्त भाड़ा देकर सफर कर रहे हैं। रेलवे की इस मनमानी से उपभोक्ता परेशान हैं। बरकाकाना-डेहरी-चोपन लाइन लोग आज भी कोरोना वाले दिन से गुजर रहे हैं।
एक्सप्रेस के बराबर भाड़ा होने से कम दूरी तय करने वाले, कोर्ट कचहरी जाने वाले और स्कूल-कॉलेज आने वाले छात्रों को सबसे ज्यादा परेशानी है। रेलवे प्रशासन की यह उदासीनता पलामू की गरीब और मिडिल क्लास की जनता के छलावा है। गौरतलब है कि एक्सप्रेस ट्रेनों का स्पेशल टैग बहुत पहले ही हटा लिया गया है, लेकिन पैसेंजरों से स्पेशल का दर्जा नहीं हटाया जा रहा है। पिछले करीब दो साल से लोगों को न्यूनतम 10 रुपए किराया की जगह 30 रुपए देना पड़ रहा है।